Header Ads

test

जिंदगी हमे कभी निराश होना नही सिखाती है।: Best Motivational Things


निराशा को कभी भी जीवन पर हावी ना होने दे, बल्कि जीवन के बुरे पलो को भुल कर सिखने का प्रयास करें.इन पलों से उबरकर आगे बढ़ना और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश ही हमारा लछय होना चाहिये.

हमें अकसर जीवन में हेल्थ,कामाकाजी जीवन या अपने  रिलेश्न से जुड़ी परेशानीया से हमारे life मे निराशा के पल आते है.कभी तो हमें कमजोरी असहाय पाते है.लगता है की हम जीवन को आगे नही ले जा सकते है,निराशा के ऐसे पल  हमें अवसाद और दुख भी देते है. लेकिन अगर हम एसे पलो को अपने जीवन पर हावी होने नही देना चहिए.क्युकि जो इन पलो को झेल कर आगे चले वो ही कामयाब होते है.





हार से सीखने का प्रयास करें:-

असफलता और हार भी हमें बहुत कुछ सीखने का मौका देती है। जब भी हम हारते हैं या निराश होते हैं तब हम धैर्य रखना सीखते हैं। हम सफलता के लिए अधिक उद्यत होते हैं। जब भी हार होती है तो उसे इस तरह ही देखें कि आपके प्रयास सफलता के लिए पर्याप्त नहीं थे और आपको सफलता के लिए और तैयारी की जरूरत है। निराशा में ही आशा छिपी होती है।

एक  पर्वतारोही हैं जिन्हें पर्वत ने कई बार हराया लेकिन उन्होंने जीत के लिए साहस नहीं हारा और अंतत: पर्वत उनकी इच्छाशक्ति के आगे झुका। तो अपनी हार में उन कारणों को ढूंढने का प्रयास होना चाहिए जिनसे आप सफलता से दूर रहे और उन्हें सुधारने का प्रयास आपको विजेता बनाता है। जब आप एक एक करके अपनी कमजोरियों पर काम करते हैं तो आप खुद को विपरीत परिस्थितियों के योग्य बना लेते हैं।

Kya aapne ye padha:


 



मित्रों की लें मदद:-

जब भी जीवन में हताशा से सामना हो तो अपने मित्रों के साथ समय बिताएं। ऐसे समय जबकि आप हताशा महूसस कर रहे हैं तब खुद को दुनिया से अलग-थलग न कर लें क्योंकि इस तरह आप अपने ही विचारों में कैद हो जाते हैं। मित्र उन खिड़कियों की तरह होते हैं जिनसे जीवन में ताजी हवा आती है। चाहे कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों न हो एक अच्छा मित्र आपको गहन निराशा के क्षणों से उबारने का काम करता है।
अक्सर हम परिवार के साथ बहुत सी बातें साझा नहीं कर पाते हैं क्योंकि उम्र और समझ का अंतर बीच में होता है लेकिन हमारे मित्र हमारी मनोस्थिति और हमारे बर्ताव को बेहतर तरीके से समझते हैं। वे हमारी जरूरतों से परिचित होते हैं और इसलिए उनके सामने अपनी पीड़ा कहने में किसी तरह की झिझक नहीं होना चाहिए। वे ठीक समाधान तलाशने में हमारी मदद करते हैं। एक अच्छा दोस्त विकट परिस्थितियों में हमारा सबसे बेहतर मार्गदर्शक होता है।





सभी को प्रसन्न करना असंभव है:-

जब आप अपने आसपास मौजूद सभी लोगों को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं तो इस तरह के लक्ष्य को कभी प्राप्त नहीं कर पाते हैं। ऐसे में निराशा आपको घेरे यह बहुत संभव है। इस तरह की स्थिति से उपजने वाली निराशा से खुद को बचाना हो तो आपको अपनी प्रसन्नाता के लिए काम करना चाहिए। अपनी प्राथमिकताएं तय करना बहुत जरूरी है। याद रहे जरूरत से ज्यादा वादे भी हमें हताशा की स्थिति में डाल सकते हैं।

किसी की मदद कीजिए:-

जब आप खिन्न या हताश महसूस कर रहे हैं तो अपने आसपास किसी की मदद करने का कोई अवसर तलाशिए। दूसरों के साथ जुड़िए। दूसरों की प्रसन्नता के लिए छोटा काम हाथ में लीजिए, आपको अपना जीवन अर्थवान नजर आने लगेगा।
जीवन मूल्यवान लगने लगेगा। हम अक्सर ढर्रे पर चलते हुए भी जीवन का मूल्यांकन करने में असमर्थ हो जाते हैं। हमें लगता है कि जीवन उतनी ही दूर तक है जितना हम देख पा रहे हैं लेकिन जीवन उससे भी आगे है, वहां भी जहां हम नहीं देख पा रहे। 





अपने पसंद के चीजो को अपने पास ही रखे:-

कोई अच्छी पुस्तक, कविता, संगीत, फिल्म या मनबहलाव का कोई भी अन्य माध्यम जो हमारा ध्यान निराशा के उन क्षणों से कहीं ओर ले जाता हो वह ऐसे समय में हमारा आश्रय बन सकता है और हमें राहत दे सकता है।