30 Ki Age Me Startup Me Success Pakar Sabit Kiya Kamyabi Ki Koi Umar Nhi Hoti:Indian Startup Success Story In Hindi
ऑउठहाउस जवैलरी की डिजैनर्स और ओनर साशा और कब्या ग्रेवाल
की सफलता की कहानी: स्टार्टअप बिज़नस सक्सेस स्टोरी इन हिंदी
जो सपने देखने की हिम्मत करता है,
वो पूरी दुनिया को जीत सकता है।
चाहे वो लड़का हो या लड़की।
Best Inspiration business thoughts in hindi
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हरियाणा के करनाल में एक जमींदार परिवार से तालुक रखने वाली ये दोनों बहनें आज जवैलरी डिजाइनिंग की दुनिया में छाई हुई है. सुन्दर और अद्धभुत जवैलरी की समझ इन्हें इनकी माँ से विरासत में मिल गयी थी.
फिर delhi में इंडियन इंस्टिट्यूट और जेम्स एंड जवैलरी से इंदुस्ट्रील डिजाइन की ट्रेंनिंग ली उसके बाद दोनों बहनें इसमे उड़ान भरने की तैयारी में लग गयी।
2009 में साशा ने टोप शोप और रिवर आईलैंड जैसी बड़ी कंपनी के साथ काम करना शुरू कर दिया,तो उसी साल काव्य आगे की पढाई करने के लिए अमेरिका चल गई,वहा उन्होंने जेमोलॉजिस्ट इंस्टिट्यूट ऑफ़ अमेरिका में पढाई की।
फिर 2012 में इन दोनों ने मिलकर आउटहाउस फ़ैशन के नाम से अपने जवैलरी डिजाइन की बिज़नस शुरू कर दिया।इन दोनों को ही मेटेरियल और उनकी बनावट के साथ प्रयोग करने में काफी दिलचस्पी थी और उनके डिजाइन सबसे अलग थे।
साशा कहती है," जब हमने कॉस्ट्यूम जवैलरी डिजाइन की शुरुवात की थी,उस समय इसमें बहुत कम ही लोग थे और हमने एक नए सेक्टर का निर्माण किया "
इनके Clients में बॉलीवुड के famous सितारे दीपका पादुकोण,प्रियंका चोपड़ा,सोनम कपूर और नरगिस फाकिरी जैसी एक्टर्स है।
ग्रेवाल बहनो के मुताबिक हर साल इनका कारोबार 5 करोड़ से पार का है।और अब वे इसे विदेश में भी फैलाना चाहते है,कॉस्ट्यूम जवैलरी को अनोखे तरीके और प्रयासो से लोकप्रिय बनाने के कारण ग्राहकों को बढ़ने और कारोबारियों का ध्यान खींचने में कामयाबी मिली है।
इन दोनों के बहनों की खाशियत है कि इन्होंने गुणवत्ता सुधार पर खूब जोर दिया।और ये दोनों बहनें बाजार के मिजज को अच्छे से समझ चुकी है।
यह स्टोरी बेस्ट Lady Entrepreneur की है ये तो आपने देख लिए इसलिए यह तो पक्का है अगर पुरे दिल से अपने दिल की सुने तो हम काफी आगे सकते है। अगर कोई लेडी इतना आगे जा सकती है तो हर एक हाउस वाइफ अगर ठान ले तो वो साइड बिज़नस करके अपने आप को साबित कर सकती है।जिससे देश को स्टार्टअप भी मिलेगा और Businessman भी।
यह स्टोरी बेस्ट Lady Entrepreneur की है ये तो आपने देख लिए इसलिए यह तो पक्का है अगर पुरे दिल से अपने दिल की सुने तो हम काफी आगे सकते है। अगर कोई लेडी इतना आगे जा सकती है तो हर एक हाउस वाइफ अगर ठान ले तो वो साइड बिज़नस करके अपने आप को साबित कर सकती है।जिससे देश को स्टार्टअप भी मिलेगा और Businessman भी।
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2. रोडरनर के संस्थापक अर्पित दवे और मोहित कुमार की साफलता की कहानी से सीखे:- Indian Successfull Business Person story In hindi
E- Commerce के बढ़ रहे अवसर के बीच ऑनलाइन खरीदारी का स्वरुप नयी ऊँचाई छूने लगा है,आज वो हर चीज जो रोजमरा की जिंदगी में जरूरत है वो ऑनलाइन बेचे जा रहे है।
खाने पीने की सामान भी इनमें सामिल है,बेंगलुरु के एक टेक्नोलॉजी संस्थान से ग्रेजुएशन करने के बाद मोहित कुमार ने कई ई- कॉमर्स कंपनियों में काम किया.
खाने पीने की सामान भी इनमें सामिल है,बेंगलुरु के एक टेक्नोलॉजी संस्थान से ग्रेजुएशन करने के बाद मोहित कुमार ने कई ई- कॉमर्स कंपनियों में काम किया.
इस दौरान वे एक बात अच्छे से समझ गए की आने वाले दिनों में इस सेक्टर में खूब Growth होगा। और दूसरी तरफ फ्लिपकार्ट ( बेस्ट ऑफर में शॉपिंग करो ) में काम कर चुके आईआईटी खड़गपुर से ग्रेजुएट अर्पित दवे के साथ मिलकर उन्होंने ""रोडरनर"की स्थापना की।
मोहित कहते है" लास्ट माइल डिलीवरी" यानी आखिरी गंतव्य तक सामान को पहुचाने की प्रक्रिया को ज्यादा आसान और तेज़ बनाने के लिए उन्होंने बहुत कारोबारियों को अपने स्टार्टअप को ऑनलाइन व ऑफलाइन जोड़ने की मुहिम तेज़ कर दी. कारोबारियो के लिए यह आसान इसलिए हुआ,क्योंकि इन्होंने लोजिस्जिस्टिक में बिना इन्वेस्ट किये उनके बिज़नस को बढ़ने का तरीका का खोज किया,इसके लिए उन्होंने मोबाइल एप्प का इस्तेमाल किया,और प्रत्येक डिलीवरी के आधार पर भुगतान की रकम तय की गयी.
बाकि का सारा काम ठेकेदारो द्वारा रखे गए Employee के जिम्मे डाल दिया गया, जो लोगो की जरुरत के मुताबिक सामान पहुचाने लगे.इस सर्विस के केंद्र में डिलीवर करने वाले कर्मचारी है,जो भाग भाग के सामान पहुचाने का काम करते थे।इसलिए इस प्रोजेक्ट का नाम "" रोडरनर " नाम रखा गया।
शुरुवात में खूब चुनोतियाँ आने के बावजूद वे डटे रहे ,बेंगलुरु में क्रतुंगा नामक एक रेस्टुरेंट के साथ जुड़ कर सर्विस सुरु करने के बाद इनके साथ मैकडोनाल्ड, kfc, मिंत्रा और स्नेपडील जैसे क्लायंट्स जुड़ गए।
कितनी होती है कमाई:-
जुलाई 2015 तक इनका बिज़नस इनकम 11 मिलियन डॉलर से ज्यादा हो चूका था. आज यह कंपनी देश के 11 शहरो में अपनी सेवा दे रही है
करीब 200 से ज्यादा कर्मचारी जुड़ रहे है,और रोजाना 40,000 डिलीवरी कर रही हैजो वे लाख दो लाख तक करना चाहते है।
जुलाई 2015 तक इनका बिज़नस इनकम 11 मिलियन डॉलर से ज्यादा हो चूका था. आज यह कंपनी देश के 11 शहरो में अपनी सेवा दे रही है
करीब 200 से ज्यादा कर्मचारी जुड़ रहे है,और रोजाना 40,000 डिलीवरी कर रही हैजो वे लाख दो लाख तक करना चाहते है।
"" *** बढे से बढे बिज़नस,पैसो से नही.
बल्कि बड़े आईडिया से बड़ा होता है।""
Business Thought In Hindi
बल्कि बड़े आईडिया से बड़ा होता है।""
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जय हिंद,
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