आज कई लोग ऐसे है जो अपने जीवन या करियर के शुरुआती दौर मे एक नही, कई-कई बार की असफलता के बाद भी उन्होने सफलता की उम्मीद नही त्त्यागी और निरन्तर मेहनत जारी रखा.उनके विश्वास ओर मेहनत ने उन्हे सफल इन्सान बनाया.इंसान की ज़िन्दगी मे हमेशा अच्छा नही होता है ,बुरा भी होता है. वह हमेशा सफल नही होता है.असफल भी होता है.इसका मतलब यह नही की वह हमेशा के लिए असफल है.
अगर आप को लगता है कि आप जिंदगी में सबसे ज्यादा फैल हूए है।या आपने वो खो दिया जिसे पाना आपके जिंदगी का मकसद था।इसलिए आप हिम्मत हार गए कि आप अब कूछ नही कर सकते तो यह गलत फहमी हटा दो क्योंकि इतिहास बार. बार दूहराया है। हिम्मत और हौसलो से सबकूछ पा सकते है। आइए जानते है उनके बारे में जिन्होने अपनी जिंदगी को किस तरह अपने अनूरूप ढाल लिया
1. आब्रहम लिंकनः
हम सब असफलता से अपना आत्मविश्वास खो देते हैं।लेकिन इिंतहास गवॉ है कि केवल उन लोगो ने ही अपनी अलग पहचान कायम की है। जिनके इरादों में जान थे।
असफलता की कीमत पर मिलती है सफलता इस पोस्ट में बताया गया है कि कैसे इतने बार जिंदगी में हारने के बाद भी जीतने को कोशीश करते रहे।
2. जूलियो इग्लेसियसः
जूलियो जिसका सपना रियाल मैड्र्रिड की ओर से फुटबॉल खेलना था वह दिन भर खेलता प्रेक्टिस करता और घीरे - घीरे वह एक बहूत अच्छा गोलकीपर बन गया। 20 साल का होते - होते उसके टेंलेंट को देखकर रियाल के तरफ से खेलने का मौका मिल गया। उनको स्पेन का नम्बर 1 गोलकीपर बनने का सपना पूरे होने वाला था।
1963 की शाम जूलियो और उसके दोस्त कार से कहीं घूमने निकले लेकिन उस कार का एक भयानक एक्सीडेंट हो गया और रियल मैड्रिड और स्पेन का नंबर 1 बनने वाला जूलियो हॉस्पिटल में पडा हूआ था।उसके कमर का हिस्सा पैरेलाइज हो चूका था। अब जूलियो कभी नही चल पाऐगा। वापस ठीक होना लंबा और दर्दनाक अनूभव था। उसके सपने पूरे तरह टूट चूका था । जब भी वह घटना याद आता तो गूस्से और मायूसी से भर जाता.
अपना दर्द कम करने के लिए उसने गिटार बजाने वा गाने लिखने लगा। 18 माह तक बिस्तर पर रहने के बाद ंजूलियो अपनी जिंदगी को फिर से सामान्य बना लिया।
एक्सीडेंट के 5 साल बाद उसने एक सिंगिग कंपीटीशन मे भाग लिया और
‘ लाइफ गोज ओन द सेम’ गाना गा कर फर्स्ट प्राइज जीता... वह फिर कभी फूटबॉल नही खेल पाया। और अपने गिटार और गानों पर वह दूनिया के टॉप 10 सिंगर्स में शूमार हो गाया।
3.करिब 20 बार नोकरी छुटी:-अलीबाबा के सस्थापक जेक़ मा भी ऐसे ही इंसान है. जिन्हे जीवन के
शुरुआती दौर मे बहुत परेशनीया झेलने पडे! वे पढ़ाई में भी अच्छे नही थे.जब नोकरी
की बारी आई तो भी अच्छे शुरुआत नही मिली. करिब 30 बार नौकरी छुटी. लेकिन निराश नही
हुए.फिर उन्होने अलीबाबा की स्स्थापना की ओर सफल हुए.4. हज़ार बार असफल होने के बाद
सफलता मिली!एडिसन कौ एक बल्ब लाइट बनाने
में 1000 बार फ़ेळ हूए. लेकिन उन्होने कभी पिछे मुड कर नहीं देखा. अपनी
सपने को पाने की जिद और पागलपन के कारण उन्हे सफलता मिल ही गई.जब उनसे पुछा गया कि आप 1000 बार फेल हुए तो आप निराश नही
हुए. उनका जवाब था—1000 बार फेल होना मुझे यह सीखा गया की इन 1000 तरीको से बल्ब
नही बन सकती है.
ऐसी सच्ची घटनायें हमें बताती है। कि जिंदगी में कूछ भी हो जाऐ.हार ना मानें. क्योंकि जिंदगी तो चलती रहती है। यह आप पर निर्भर करता है। कि आप जीना चाहते है या नहीं।
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